ज्योतिरादित्य सिंदिआ के घर की कीमत है ₹4000 करोड़ इन्हे ये घर..

Jai vilas palace

ज्योतिरादित्य सिंदिआ को तो आप जानते ही होंगे ये एक काफी लोक प्रसिद्ध नेता हैं। इन्होने अपने करियर की शुरुवात इंडियन नेशनल कांग्रेस से की थी और ये 2001 से लेकर 2020 तक कांग्रेस के ही नेता थे फिर इन्होने अपनी पार्टी चेंज कर ली और ये भाजपा में आ गए अभी 2025 में ये देश के कम्युनिकेशन मिनिस्टर हैं पर आप ये सोच रहे होंगे के ये महल या घर जिसका नाम Jai Vilas Palace है ये इन्हे कहा से मिला दर असल ये महल इनके पूर्वजो से इन्हे मिला है इनके पूर्वज जयाजी राओ सिंदिआ (शिंदे) जो के एक मराठा राजा थे वे अंग्रेज़ो के समय 1874 में ग्वालियर के राजा थे।

jai vilas palace chandeliers

ये महल अंग्रेज़ों के मिचेल फिलोसे के द्वारा डिज़ाइन और बनाया गया था जोकि अंग्रेज़ो के एक अफसर थे इस महल की हर एक मंज़िल अलग अलग रूप रंग की बानी हुई है जैसे इसकी पहली मंज़िल टस्कन दूसरी मंज़िल इतालियन और तीसरी मंज़िल कोरिंथियन प्रकार से बनी हुई है इसमें थोड़ा बहोत मुग़ल स्टाइल भी मिला हुआ है।

जय विलास पैलेस में क्या-क्या बना है ?

jai vilas palace dining room with silver train

इस पैलेस या महल में एक शाही दरबार बना हुआ है जो की काफी बड़ा है इतना बड़ा की इसकी लम्बाई 100 फुट है और चौड़ाई 50 फुट और ये 41 फुट ऊँचा हैं इस दरबार मैं स्वर्ण का काम भी हुआ है। यह पूरा महल करीब 124,771 स्क्वायर फुट में फैला हुआ है। इस महल में 2 ऐसे झूमर लगे हुए हैं जैसे पूरी दुनिया में कहीं भी नहीं हैं उन झूमरों का वज़न 3.5 टन का है जिसमे करीब 250 बल्ब लगें हुए हैं इन झूमरो को लटकाने से पहले दरबार की छत की मज़बूती को हाथीओ के द्वारा परखा गया था। इस महल में आपको काफी कमरे मिल जाते हैं जैसे किसी कमरे में कट गिलास बर्तन हैं किसी में केवल महिलाओं के लिए अलग से स्विमिंग पूल हैं जिसमे एक नाव भी उपलभ्ध है और तो और महल के भोजन करने वाले कमरे में एक चांदी की ट्रैन है जो पूरे मेज़ पर सामान पहुंचाती है। इस पूरे महल में 400 कमरे हैं जिनमे से अब 40 कमरों को एक म्यूजियम मैं बदल दिया गया है।

इंडियन मोटर्स की नयी लक्ज़री बाइक जिसने सबका दिल मोह लिया!

पहले की कीमत और अब की कीमत ?

jai vilas palace or scindia palace

इस पैलेस को बनाने में करीब ₹11,00,000 का खर्च आया था और इस पैलेस के बगीचे की दीवारों, रेलिंग और अन्य फवारों को बनाने में करीब ₹5,00,000 से थोड़ा अधिक का खर्च आया था। 1874 में इस पैलेस की कीमत करीब ₹1,00,00,000 (एक करोड़) रुपए के पास थी जो के आज की तारीख में बढ़कर ₹4000 करोड़ के पास आंकी जा रही है और इस पैलेस में सिंदिया परिवार रहता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *